हरी का नाम लेलो सहारा मिलेगा
गुरु का नाम लेलो सहारा मिलेगा
आंबे का नाम लेलो इशारा मिलेगा
हरी का नाम लेलो सहारा मिलेगा
मस्त दीवानी मीरा नाची प्रेम मगन हो वन में,
श्याम सलोना रूप बिठाए रखती अपने मन में
नाच नाच के मस्त हुई फिर प्रेम मगन हो बोली
हरी का नाम लेलो सहारा मिलेगा
इक दिन एक दीवाना योगी गंगा तट पर आया
ध्यान लगा कर मस्त वैरागी बेठा धुनी रमाया
दुखिया प्राणी जुटे याहा पर योगी उनसे बोला
हरी का नाम लेलो सहारा मिलेगा
भगत प्रभु चेतान्ये प्रेम से हरी गुण गाते जाते थे
दुश्मन उनके पीठ पे कोड़े बरसाते जाते थे
हर कोड़े पर प्रेम मगन हो ये भी गाते जाते थे
हरी का नाम लेलो सहारा मिलेगा