कैसे जाऊँ सखी मैं पनियां भरन,
देखो कान्हा खड़े है ब्रिज की ओर...-2
यमुना तट पर बंसी बजाये,
मनमोहन सबके मन भाये,
ललिता चंदा गोपीयन के संग,
होली खेले रास रचाये.....-2
लीला नीसदिन दिखाये वो सांझ से भोर,
देखो कान्हा खड़े है ब्रिज की ओर......
नित नित मोरी राह तकत है,
नटखट मौसे जब भी मिलत है,
कंकड़ मारे फोड़े गगरिया
ढीट ना माने झगड़ा करत है...-2
मोरी झटके सिर से चूनर चितचोर,
देखो कान्हा खड़े है ब्रिज की ओर......
छोड़ दे बैंया कृष्ण कन्हैया
ताना देंगी सारी सखियां,
चोरी चोरी में आई हूं
घर जाने दो ओ सांवरिया....-2
कहीं देखे ना सास ननदिया मोर
देखो कान्हा खड़े है ब्रिज की ओर......
कैसे जाऊं मैं पनिया भरण को सखी
देखो कान्हा खड़े है ब्रिज की ओर.........