दोहा: बिना नयन पावे नहीं,बिना नयन की बात।
सैवे सदगुरु के चरण, सो पावे साक्षात।।
तुम्हारे प्यार ने गुरुवर हमको तुमसे जोड़ा है।
तुम्हारे प्यार के बल पर सभी भोगों को छोड़ा है।
तुम्हारे प्यार ने गुरुवर...
(1)तुम्ही तीरथ हो मंदिर हो,तुम्ही को मेरी बंदगी।
तुम्ही धड़कन हमारी हो, तुम्ही हो मेरी जिंदगी।
∆तेरी करुणा ने ही गुरुवर, हमे खुशियों से जोड़ा है।
तुम्हारे प्यार ने गुरुवर.
(2)तुम्ही धड़कन में मेरी हो,तुम्ही नजरो में समाये हो।
मेरा वीरान था जीवन,तुम्ही बहार लाए हो।
∆तेरी कृपा ने ही हमको,सच्चे सुख से जोड़ा है।
तुम्हारे प्यार ने गुरुवर..
(3)तेरा ही नाम हे गुरुवर,सभी दुखों को हरता है।
है सचमुच धन्य ओ प्राणी,जो तेरा ध्यान धरता है।
∆तुम्हारे ज्ञान ने हमको सही दिशा में मोडा है।
तुम्हारे प्यार ने गुरुवर...
(4)तुम्हारी याद में गुरुवर,आंसू आंख से बहते है।
तुम्हे जो देख ना पाए ,तो बैचेन रहते है।।
∆तुम्हारे प्यार के आगे सभी का प्यार थोड़ा है।
तुम्हारे प्यार ने गुरुवर हमको तुमसे जोड़ा है।
।डॉ सजन सोलंकी।