जाओ जाओ पवनसुत जाओ
(फिल्मी तर्ज़ फिरकी वाली तू कल फिर आना)
जाओ जाओ, पवनसुत जाओ, संजीवनी लाओ
के राम गया हार जी..
मेरा भाई है बड़ा बीमार जी...
मेरा लछमन है बड़ा बीमार जी...
पास नहीं है तुम्हे दूर है जाना,
और अंधेरी रात है...
देखो कहीं पे तुम धोखा नहीं खाना,
निशाचरों का पाथ है,
ओ बजरंगी भूल ना जाना.. रातों रात है आना,
जाओ जाओ, पवनसुत जाओ, संजीवनी लाओ
के राम गया हार जी...
मेरा भाई है बड़ा बीमार जी...
मेरा लछमन है बड़ा बीमार जी ।।
राम जी की इच्छा, मुझे राम का सहारा,
राम जी का साथ है..
राम ही हैं मेरे रोम रोम में तो,
डरने की क्या बात है...
सुबह से पहले...जो ना आऊं...अपना मुंह ना दिखाऊं
मेरे स्वामी.. ओ मेरे दाता.. हे भाग्यविधाता
ये सेवक है तैयार जी...
धीरज रख्खो मेरी विनती लो स्वीकार जी..
जाओ जाओ, पवनसुत जाओ, संजीवनी लाओ
के राम गया हार जी..
मेरा लछमन है बड़ा बीमार जी,
मेरा भाई है बड़ा बीमार जी ।।