पकड़ लो बाँह रघुराई नहीं तो डूब जाएँगे,
भरोसा तुम पे है राघव तुम्हीं को ही बुलाएंगे……..
डगर ये अगम अनजानी पथिक मै मूढ अज्ञानी,
संभालोगे नही राघव तो कांटे चुभ जाएँगे,
भरोसा तुम पे है राघव तुम्हीं को ही बुलाएंगी,
पकड़ लो बाँह रघुराई नहीं तो डूब जाएँगे……….
नहीं बोहित मेरा नौका नहीं तैराक मै पक्का,
कृपा का सेतु बंधन हो प्रभु हम खूब आएँगे,
भरोसा तुम पे है राघव तुम्हीं को ही बुलाएंगी,
पकड़ लो बाँह रघुराई नहीं तो डूब जाएँगे……….
नहीं है बुधि विधा बल माया में डूबी मती चंचल,
निहारेंगे मेरे अवगुण तो प्रभु जी ऊब जाएँगे,
भरोसा तुम पे है राघव तुम्हीं को ही बुलाएंगी,
पकड़ लो बाँह रघुराई नहीं तो डूब जाएँगे……….
प्रतीक्षारत है ये आँगन शरण ले लो सिया साजन,
शिकारी चल जिधर प्रहलाद जी भूल जाएँगे,
भरोसा तुम पे है राघव तुम्हीं को ही बुलाएंगी,
पकड़ लो बाँह रघुराई नहीं तो डूब जाएँगे……….