????श्री हरिदा????
तरज़:-परदेसियों से ना अंखियाॅं
मिलाना
प्रभु के सिवा कहीं,दिल ना लगाना-2
नहीं तो पड़ेगा तुझे-2,आंसू बहाना
प्रभु के......
1.जिसने प्रभु का गुणगान किया है,
सच्चा जीवन उसी ने जीया है,
सुमिरन के बल से है-2,मुक्ति को
पाना
प्रभु के......
2.बचपन बिता अब तूॅं जवाॅं हैं,
बीत गया है जो,समय वो कहाँ है,
सोच समझ के-2,समय तुॅं बिताना,
प्रभु के......
3.आया जहाँ से वहीं तुझको जाना,
वहां साथ जाए ना पैसा खजाना,
पूछेगा धसका तो-2,क्या
करोगे बहाना
प्रभु के सिवा कहीं,दिल ना लगाना
नहीं तो पड़ेगा तुझे-2,आंसू बहाना
प्रभु के....
रचना:-बाबा धसका पागल पानीपत
फोन:-7206526000