आज है गुरू पूर्णिमा आई,
गुरू पूणिमां आई
(धुन : संकीर्तन)
आज है गुरू पूर्णिमा आई, महिक उठी जीवन की कलियां,
हरियाली सब छाई ।।
आज है गुरू पूर्णिमा आई……
गुरू के पावन चरण पखारो, कर पूजा आरती उतारो।
ले चरणोदक गुरूचरणन का, जन्म सफल कर भाई ।।
आज है गुरू पूर्णिमा आई……
आज राम कृष्ण यही चरण पखारे, आज चमकते ध्रुव से तारे।
देवऋषि नारद गुरु धारयो, भर्म न कीन्हा काई।।
आज है गुरू पूर्णिमा आई……
गुरुबिन ज्ञान मेघबिन सागर, तपबिन राजभाग्य बिन आदर।
गुरु बिन बिरथा जीवन जात है, होत गति नहीं भाई।।
आज है गुरू पूर्णिमा आई……
गुरु भक्ति हरि मिलिन करावे, भव सिन्धु से पार तरावे।
जपो जपावो नाम हरि का, रहो 'मधुप' लिव लाई ।।
आज है गुरू पूर्णिमा आई……