रुक जा ओ राधा रानी रुक जा आज मैं फोड़ूंगा तेरा मटका

रुक जा, ओ राधा रानी, रुक जा,
आज मैं फोड़ूंगा तेरा मटका ॥
छेड़ ना, कन्हैया, पीछे हट जा,
काहे को फोड़ेगा मेरा मटका ॥
रुक जा, ओ राधा रानी...

यमुना तट, आ राधे, तुझे बंसरी सुनाऊंगा ।
बंसी की कसम राधे, तुझे हाथ ना लगाऊंगा ॥
रुक जा, ओ राधा रानी...

ओ श्याम सुंदर, छलिए, तुम पर इतबार नहीं ।
जब याद सताती है, रहता कुछ याद नहीं ॥
रुक जा, ओ राधा रानी...

खाता हूँ कसम राधे, मैं छलिया और नहीं ।
काला तो मैं पहले हूँ, काला अब और नहीं ॥
रुक जा, ओ राधा रानी...

मैय्या, मुझसे पूछेगी, कहाँ देर लगाई है ।
मैं सच बतला दूंगी, मेरा कृष्ण कन्हैया है ॥
रुक जा, ओ राधा रानी...

बदनाम ना कर राधे, तूं लगती प्यारी है ।
मैं द्वार तेरे आया, अब तेरी बारी है ॥
रुक जा, ओ राधा रानी...

अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल
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