दुःख हरो द्वारका नाथ शरण मैं तेरी

बिन काज आज महाराज लाज गई मेरी,
दुख हरो द्वारका नाथ शरण मैं तेरी...

दुशासन वंश कठोर महा दुखदाई,
कर पकड़त मेरो चीर लाज नहीं आई,
अब भयों धर्म को नाश पाप रहो छाई,
लखी आदम सभा की ओर नार विलखाई,
शकुनी दुर्योधन कर्ण खड़े खल घेरी,
दुख हरो द्वारका नाथ शरण मैं तेरी...

तुम संतन को सुखदेत देवकीनंदन,
है महिमा अगम अपार भक्त उर चंदन,
तूने किया सिया दुख दूर शंभू धनु खंडन,
हे तारण मदन गोपाल मुनि मन रंजन,
करुणा निधान भगवान करी कहां देरी,
दुख हरो द्वारका नाथ शरण मैं तेरी...

यहां बैठे महासमाज नीति सब खोई,
नहीं केहत  धर्म की बात सभा में कोई,
पांचो पति बैठे मोन कौन गति होई,
ले नंद नंदन को नाम द्रोपती रोई,
कर कर विलाप संताप सभा में टेरी,
दुख हरो द्वारका नाथ शरण मैं तेरी...
श्रेणी
download bhajan lyrics (304 downloads)