यूँ बजाओ ना मुरली की तान रे, तान ले लेगी जान रे ।
कहीं छूट ना जाए, मेरे दिल की कमान रे ।
कान्हा कहना तो मेरा मान रे, तान ले लेगी जान रे ।
ऐसे ना बंशी बजाया करो, कान्हा ना हमको सताया करो ।
कहीं छूट ना जाए, मेरे दिल की कमान रे ॥
दिल दे दिया तो दर्द बढ़ेगा, तुम पर हमारा कर्ज बढ़ेगा ।
कहीं छूट ना जाए, मेरे दिल की कमान रे ॥
जन्मों का अपना नाता रहेगा, तो ‘पप्पू शर्मा’ गाता रहेगा ।
कहीं छूट ना जाए, मेरे दिल की कमान रे ॥