एक तू जो मिला सारी दुनिया मिली,
खिला जो मेरा मन सारी बगिया खिली,
तू सूरज मैं सूरजमुखी हूँ पिया,
ना देखूँ तुझे तो खिले ना लागे जिया,
तेरे रंग मैं रंगी मेरे मन की कली,
खिला जो ...
अनोखा हैं बंधन ये कँगन साजन,
बिना डोर के बंध गया मेरा मन,
तू जिधर ले चला मैं उधर ही चली,
खिला जो ...
कभी जो ना बिछड़े वो साथी हूँ मैं,
तू मेरा दीया तेरा बाती हूँ मैं,
जो तो चाहा बुझी जलाया जली,
खिला जो ... ..