मा नौ दिन बनी दुल्हनिया , जिनकी सेवा में दुनिया -2
होके चली है तू विदा , हमको रही क्यु रुला
मां तू हमको रुलाए , क्यों हमको पराया बनाए
नवरात्रि में 9 दिन मैया , सारे रूप दिखाएं
कन्या बनकर घर-घर तू ही , कन्या भोजन खाए
आके फिर न जा , हाथ ना ऐसे छुड़ा
मां तू हमको रुलाए ,क्यों हमको पराया बनाए
रोते रोते भक्त तुम्हारे , तेरी करें विदाई
तेरी आरती करते मैया , आँख मेरी भर आई
लेना लकी को चुपा , और न ऐसे तड़पा
मां तू हमको रुलाए ,क्यों हमको पराया बनाए
मा नौ दिन बनी दुल्हनिया , जिनकी सेवा में दुनिया -2
होके चली है तू विदा , हमको रही क्यु रुला
मां तू हमको रुलाए , क्यों हमको पराया बनाए
Writer - Niranjan sen