साखी
जो गणपति को ध्याये,परम सुखी हो जाए।
जो शंकर को पूजे,विपदा पास न आए।।
राम नाम के जप से,मन पावन हो जाए।
गोपाला जो बोले, भव सागर तर जाए।।
प्रभुजी तुम बिन कौन सहारा।
कौन है पालनहारा,कौन है पालनहारा।।
जय गणपति सिद्धि विनायक जय।
जय गणपति जय सुख दायक जय।।
(1)काली राते उजियारे दिन सब है महिमा तेरी।
और कहीं अब जाऊं न भगवन तुझमें श्रद्धा मेरी।।
∆राह दिखाई तुने मुझको छाया जब अंधियारा।।
कौन है पालनहारा..कौन है पालनहारा।।
जय शंकर कष्ट निवारक जय।
जय भोले जग के पलक जय।।
(2)कल क्या होगा जानू ना मैं सब कुछ तुझपे छोड़ा।
तूने मुझको पास बिठाया जब सबने मुख मोड़ा।।
∆तू ही सच्चा मीत कहाये,बेगाना जग सारा।।
कौन है पालनहारा..कौन है पालनहारा।
बोलो राम सिया राम।
जपो राम सिया राम।।
(3) दुःख सुख मेला धूप छांव का,आते जाते रहना।
जाने कब तक और रहेगा इन सांसों का गहना।।
∆तूने उसको दिया सहारा,जिसने तुझे पुकारा।।
प्रभुजी...तुम बिन कौन सहारा।
कौन है पालनहारा कौन है पालसंहारा।।
बोलो जय राधेश्याम।
घनश्याम राधे श्याम।।
प्रभुजी तुम बिन कौन सहारा।
कौन है पालनहारा कौन है पालनहारा।।
जय गणपति सिद्धि विनायक जय।
जय गणपति जय सुखदायक जय।।
डॉ सजन सोलंकी