गुरु देव अरज मेरी


तर्ज : बस इतनी तमन्ना है...

गुरूदेव अरज मेरी–२
चरणों में जगह देना सिर हाथ सदा रखना ।। टेर ।।

तुम हारे के साथी,तुम दीपक मैं बाती
सागर है तँ भक्ति का-२ दो घूँट पिला देना ।। १ ।।

जब जब विपदा आती, तेरी याद मुझे आती
अब तक तो निभाई है-२ आगे भी निभा देना ।। २ ।।

तेरे साथ गुजारे जो,वो दिन बड़े प्यारे थे।
तेरी याद रहे दिल में-२ बस ऐसा वर देना ।। ३ ।

गर लाज गई मेरी, पत जायेगी तेरी
सुरेश शरण तेरी-२ हिवड़े से लगा लेना ।। ४ ।।