मेरे गुरु महाराज दी किरपा बड़ी,
मेरी राखियां किती हर घडी,
मैनु अपना सेवक बना लिया,
राह डिगे नु आप उठांदे गल नाल गुरु जी अपने लाउंदे,
मेरे मन दी हर गल सुन ली मेरी विपदा गुरु जी ने हर लई,
मैनु अपने दर ते भुला लिया मैनु अपना सवाल बना लिया,
मेरे गुरु महाराज दी किरपा बड़ी,
महरा कर दे मेहरा वाली सब दे बिगड़े काज सवारे,
मेरी अरजा होइया कबूल दर ते किरपा दा हाथ रख्या सिर ते,
मैनु अपने कॉल भुला लिया मैनु अपना सेवक बना लिया,
मेरे गुरु महाराज दी किरपा बड़ी,
अपनी रेहमत करदो सब ते तुम हो दाता असि मंगते दर दे,
मेरी दुभ्दी तार दी वेहड़ी जी मेरी बांह पकड़ी हर वेले जी,
मैनु बुरी नजर तो बचा लिया मैनु अपना सेवक बना लिया,
मेरे गुरु महाराज दी किरपा बड़ी,