तर्ज - मिलो ना तुम तो हम घबराये
बुला के हमको बांके बिहारी , छुप गए क्यों मुरारी ,
ये पर्दा क्यों किया है , ये पर्दा क्यों किया है !
दिखा दो हमको सूरत प्यारी , आये शरण तुम्हारी ,
ये पर्दा क्यों किया है , ये पर्दा क्यों किया है !!
ओ रे संवरिया मेरे, मैं तो रंगा हूँ तेरे रंग में , हा रंग में ,
मुझसे मिला के नज़रे , चल दो बिहारी मेरे संग में , हा संग में ,
सेवा करूँगा मैं भी तुम्हारी , बन के तेरा पुजारी ,
ये पर्दा क्यों किया है , ये पर्दा क्यों किया है ,
ओ रे संवरिया मेरे, दिल में छुपे हैं कई राज रे, कई राज रे ,
कैसे बताऊ मोहन तुमको दिल की सारी बात रे ,सारी बात रे,
दिल में मेरे तुम रहते हो , ओढ़ के कामल कारी ,
ये पर्दा क्यों किया है , ये पर्दा क्यों किया है ,
हँसने लगे हैं मुझपे दुनिया के सारे लोग रे , सारे लोग रे ,
कैसा लगाया तुमने मुझको मुरारी ये रोग रे , ये रोग रे,
रोग ये दिल का तुमने लगाया , सुना के बंशी प्यारी ,
ये पर्दा क्यों किया है , ये पर्दा क्यों किया है ,
Lyrics - Jay Prakash Verma