मुझे चरणों में दे दो स्थान जी
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मुझे, चरणों में, दे दो स्थान जी,
मेरे राम जी, मेरे राम जी ॥
अपने हाथों में, ले लो कमान जी,
मेरे राम जी, मेरे राम जी ।
मुझे, चरणों में, दे दो स्थान जी,
मेरे राम जी, मेरे राम जी ॥
सिया राम, सिया राम,
सिया राम, सिया राम x॥
जब से वश में, हुया धन के,
धर्म के पथ से, दूर हुया ।
सुख चैन न, रहा मन का,
दास तन का, बनके रह गया ॥
चूर करदो, मेरा ये अभिमान जी,
मेरे राम जी, मेरे राम जी ।
भक्ति का दे दो, तुम वरदान जी,
मेरे राम जी, मेरे राम जी ।
मुझे, चरणों में....
प्रभु की, सेवा के लिए ही,
जीवन दुर्लभ, मुझे ये मिला ।
मगर जब भी, मिला मौका मुझे,
टालता मैं, कल पे रह गया ॥
क्षमा का मुझको, दे दो दान जी,
मेरे राम जी, मेरे राम जी ।
दास आपके ना, आया कुछ काम जी,
मेरे राम जी, मेरे राम जी ।
मुझे, चरणों में...
निर्दोष मैं, नहीं सच है,
बहता ही, चला गया संसार में ।
ना लिया, सहारा गुरु का,
फंस गया, माया के जंजाल में ॥
जान के भी था मैं, अनजान जी,
मेरे राम जी, मेरे राम जी ।
इन हाथों को, अब लो थाम जी,
मेरे राम जी, मेरे राम जी ।
मुझे, चरणों में...
हरे कृष्णा, हरे कृष्णा...... ॥ ॥ ।
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल