प्रगटे हैं चारों भैया में, अवध में बाजे बधईया ।
जगमगा जगमग दियाला जलत है,
झिलमिल होत अटरिया, अवध में बाजे बधईया ॥
कौन लुटावे हीरा मोती,
कौन लुटावे रूपया, अवध में बाजे बधईया ॥
राजा लुटावे हीरा मोती,
मैया लुटावे रूपया, अवध में बाजे बधईया ॥
झांझ मृदंग ताल डप बाजे
नाचत ता ता थैया, अवध में बाजे बधईया ॥