राम किया सुख उपजे और कृष्ण किया दुःख जाये
एक बार हरी ॐ रटे तो भव बंधन मिट जाय
बोल सुवा राम राम
मीठी मीठी वाणी रे
बोल सुवा राम राम
बोल सुवा राम राम
मीठी मीठी वाणी रे बोल सुवा राम राम ।
सोने के डाल सुवा पिंजरों घलाउ रे
पिंजरे में मोत्यां वाली झालरी लगाउ रे॥
बोल सुवा राम राम
मीठी मीठी वाणी रे।
चंपा के डाल सुवा हिंडोरो घलाउ रे ,
हिंडोरे बिठा म थाने हाथ स्यु हिंडावु रे॥
बोल सुवा राम राम ।
घिरत मिठाई सुवा लापसी बनाऊ रे,
आँवले रो रस तने घोल घोल पावू रे ॥
बोल सुवा राम राम मीठी मीठी वाणी रे
बोल सुवा राम राम