तर्ज - साजन मेरे उस पार हैं !
होता जहाँ पे चमत्कार हैं , राधे रानी का वो दरबार हैं !
उसके चौखट पे जो भी जाता हैं , बिन मांगे सब मिल जाता हैं -२
ऐसा अद्भुत वो दरबार हैं ,महिमा उसकी अपार हैं -२
होता जहाँ पे चमत्कार हैं , राधे रानी का वो दरबार हैं !
जाता हैं जो भी उसके सामने , आती हैं लाड़ो हाथ थामने - २
हाथ पकड़ के वो ले जाती हैं , चरणों में अपने बिठाती हैं - २
होता जहाँ पे चमत्कार हैं , राधे रानी का वो दरबार हैं !
जिसने भी राधे राधे गाया हैं , उसने ही श्याम को पाया हैं - २
श्याम को पाने का जो द्वार हैं , राधे रानी का वो दरबार हैं – २
होता जहाँ पे चमत्कार हैं , राधे रानी का वो दरबार हैं !
Lyrics - Jay Prakash Verma, Indore