कृष्ण के सर पर मोर मुकुट

कृष्ण के सर पे मोर मुकुट यह भाता है
रूप अनुपम सबको यह ललचाता है...२

बंसी जब लगती है इसके होठों पे
सुर न जाने कहाँ से ये लै आता है

कृष्ण के सर पे मोर मुकुट...

कृष्ण है गोकुल के नन्द लाल का छोरा
देखन में सुन्दर पर नटखट भी है थोड़ा

कृष्ण मुरारी ओ कृष्ण मुरारी
कृष्ण मुरारी पीड़ा हर लो सारी

कृष्ण मेरे कृष्ण कृष्ण मेरे कृष्ण
कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण मेरे कृष्ण

जपता हूं जब नाम तो मन मुस्काता है
रूप अनुपम सबको यह ललचाता है

कृष्ण के सर पे मोर मुकुट...

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