तीन लोक से न्यारी राधा रानी हमारी,
रानी हमारी महारानी हमारी,
तीन लोक से न्यारी......
ब्रह्मा शंकर पार ना पामें,
ऋषि मुनि सब ध्यान लगामें,
इंद्र लगावे बुहारी राधा रानी हमारी,
तीन लोक से न्यारी.....
नित उठ दर्शन करने आवत,
सुंदर श्याम चरण सिर नावत,
चरनन को चाकर मुरारी राधा रानी हमारी,
तीन लोक से न्यारी.....
सर्वेश्वरी जगत कल्याणी,
सबकी मालिक राधा रानी,
कोई ना रहता भिकारी राधा रानी हमारी,
तीन लोक से न्यारी....
एक बार जो बोले राधा,
जन्म जन्म मिट जाए बाधा,
मैं चरणों की पुजारी राधा रानी हमारी,
तीन लोक से न्यारी....