भक्तों की टोली मस्ती में बोली गणपति बाप्पा मोरिया
श्रद्धा से देवा करते हैं सेवा मंगल मूर्ति मोरिया
मन को लगी भक्ति की लगन, गायें तेरे गुण हो कर मगन
उस दिन का रस्ता तके हर बरस, जिस दिन तुम्हारा हो आगमन
तुम जो पधारे भाग्य हमारे, गणपति बाप्पा मोरिया
श्रद्धा से देवा करते हैं सेवा मंगल मूर्ति मोरिया ||1||
सोने का सर पे मुकुट है सजा, माथे पे सिंदूरी टीका लगा
मोती की माला जले में पड़ी, अनुपम है पीताम्बर की छठा
मोदक चढ़ाये जो तुमको भाये, गणपति बाप्पा मोरिया
श्रद्धा से देवा करते हैं सेवा मंगल मूर्ति मोरिया ||2||
तुम हो चतुर्भुज दुःखहर्ता, हे लम्बोदर सुखकर्ता
उसको मिले सुख संसार के, जो ध्यान हर दिन तेरा करता
मूषक है वाहन जय हे गजानन, गणपति बाप्पा मोरिया
श्रद्धा से देवा करते हैं सेवा मंगल मूर्ति मोरिया ||3||