ओ गणनायक महाराज, सुमिरा जोडू दोनों हाथ
गजानन मैहर करो, गजानन मैहर करो"
एकदंत हे, दयावंत हे, चार भुजाओं वाले,
लम्बोदर रिध्दी सिध्दी के दाता, विध्न मिटाने वाले,
लाये मोदक भर - भर थाल, जिमो शिवगौरा के लाल,
गजानन मैहर करो, गजानन मैहर करो.....
अद्भुत तेरा रूप गजानंद, अद्भुत तेरी माया,
मातपिता की सेवाकर, वरदान अनोखा पाया ,
बन गये देवों के सिरमौर, तुझ बिन मिले ना कोई ठौर,
गजानन मैहर करो, गजानन मैहर करो.....
अगर किसी ने भूल आपको, कारण कोई बनाया ,
विध्न हुए कारज सब अटके, कोई काम ना आया ,
तुमसे हार गया संसार, तेरी महिमा अपरंपार ,
गजानन मैहर करो, गजानन मैहर करो.....
"नंदू" मिलकर भक्त श्याम का, तुमको प्रथम मनायें,
हमसब मिलकर भक्त श्याम का, तुमको प्रथम मनायें,
बरसे रंग कृपा का तेरी, जब हम श्याम रिझाये ,
वंदन तेरा है गणराज, रखना श्याम भक्त की लाज,
गजानन मैहर करो, गजानन मैहर करो.....
"ओ गणनायक महाराज, सुमिरा जोडू दोनों हाथ,
गजानन मैहर करो, गजानन मैहर करो",
संकलन :- राजेश कुमार जिंदल "बंटी"