श्रीगणेशायनमःश्रीसाईंनाथायनमः
आज मोरी लाज रख लो
शरण में आयो मै तिहारी के आज मोरी लाज रख लो
के आज मोरी लाज रख लो
के आज मोरी लाज रख लो
माता तुम्हारी पार्वती हैं, शिवशंकर हैं पिता तुम्हारे,
ऋद्धिसिद्धि तोरी पटरानी, शुभलाभ हैं पुत्र तुम्हारे
उनसे भी विनती हमारी
के आज मोरी लाज रख लो
के आज मोरी लाज रख लो
सबसे पहले पूजा तुम्हारी करते हैं सबही नरनारी
महिमा तुम्हारी जग में भारी, गाते हैं नंदी अनुरागी
अब सुन भी लो अर्ज हमारी
के आज मोरी लाज रख लो
के आज मोरी लाज रख लो
मोरी लाज लाज लाज तोरे हाथ हाथ हाथ
लाज रखी द्रोपदी की तुमने बनकर कृष्ण मुरारी
मोरी लाज भी रखलो बाबा सुन लो अरज हमारी
मोरी लाज लाज लाज तोरे हाथ हाथ हाथ
मोरी लाज लाज लाज तोरे हाथ हाथ हाथ
लाज रखो हे राखनहारे साईं गरीबनवाज़
तुझ बिन साईं आशीष के कौन सवारे काज
मोरी लाज लाज लाज तोरे हाथ हाथ हाथ
मोरी लाज लाज लाज तोरे हाथ हाथ हाथ
घालीन लोटांगण, वंदीनचरण।
डोळ्यांनीपाहीनरुपतुझें।
प्रेमेंआलिंगन, आनंदेपूजिन।
भावेंओवाळीन म्हणेनामा।।१।।
त्वमेवमाताचपितात्वमेव।
त्वमेवबंधुक्ष्च सखात्वमेव।
त्वमेवविध्याद्रविणं त्वमेव।
त्वमेवसर्वंममदेवदेव।।२।।
कायेनवाचामनसेंद्रीयेव्रा, बुद्धयात्मनावाप्रकृतिस्वभावात।
करोमियध्य्तसकलंपरस्मे, नारायणायेति समर्पयामि।।३।।
अच्युतंकेशवं रामनारायणं कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम।
श्रीधरं माधवंगोपिकावल्लभं, जानकीनायकं रामचंद्रभजे।।४।।
हरेरामहरराम, रामरामहरेहरे।
हरेकृष्णहरेकृष्ण, कृष्णकृष्णहरेहरे।