मुझ पर भी बांके बिहारी लुटा दो थोड़ा प्यार ,
सब कुछ छोड़ के मैं भी आया हूँ तेरे द्वार,
सब कुछ छोड़ के मैं भी आया हूँ तेरे द्वार,
सुनते हो तुम सबकी विनती ये तो मुझको पता हैं ,
तेरे द्वार से आज तलक ना खाली कोई गया हैं ,
कब सुनोगे मेरी अर्जी , कब सुनोगे मेरी अर्जी,
ओ मेरे सरकार ,
सब कुछ छोड़ के मैं भी आया हूँ तेरे द्वार ,
सब कुछ छोड़ के मैं भी आया हूँ तेरे द्वार,
ज्यादा कुछ तो माँगा नहीं हैं माँगा थोड़ा प्यार ,
इतनी सी तो मांग ये मेरी कर लो तुम स्वीकार ,
नहीं घटेगा कुछ भी तेरा, नहीं घटेगा कुछ भी तेरा,
ओ मेरे सरकार ,
सब कुछ छोड़ के मैं भी आया हूँ तेरे द्वार ,
सब कुछ छोड़ के मैं भी आया हूँ तेरे द्वार,
खाली हाथ जो लोट गया तो होगी तुम्हारी हार ,
तुमसे ही पूछेगा कान्हा ये सारा संसार ,
क्या कहोगे उनसे बोलो , क्या कहोगे उनसे बोलो,
ओ मेरे सरकार
सब कुछ छोड़ के मैं भी आया हूँ तेरे द्वार,
सब कुछ छोड़ के मैं भी आया हूँ तेरे द्वार,
Lyrics - Jay Prakash Verma, Indore