तर्ज:- मन की बाता सांवरिया ने
मेरे घर के ऊपर तेरी, मोरछडी का साया हो,
तेरी मोरछडी का झाडा, छाया जैसा लगता हो,
मेरे घर के ऊपर तेरी...
बन्द पड़ी किस्मत का ताला, मोरछडी से खुल जाता-2,
सोई किस्मत जग जाती, वो पल में बन जाता राजा-2,
झाडा खाले मोरछडी का कंचन काया हो तेरी,
मेरे घर के ऊपर तेरी...
मोरछडी झाड़ा ऐसा, मेरे मनको हैं भाता-2
झाडा खाकर मोरछडी का, मेरा मन भी है गाता-2
गुण गाऊ में मोरछडी का, जीवन की ये अभिलाषा,
मेरे घर के ऊपर तेरी...
जब तक जीवन मेरा बाबा, रोज करू तेरी सेवा-2
सेवा ऐसी मिली है मुझको, जीवन हो यापन मेरा-2
सागर तेरी कृपा चाहे, बस इतनी से हो अभिलाषा,
मेरे घर के ऊपर तेरी...