मैं भीख माँग रया हा ओ बाबा थारे द्वार,
जनम जनम का काट के बंधन,
कर दो भव से पार मैं भीख माँग रया हाँ,
ओ बाबा थारे द्वार......
थारा नाम सुनिया जद आया,
थाने दुःख दर्द सुनाया,
सबकी खातिर खुल्यो है बाबा यो तेरो दरबार,
मैं भीख माँग रया हा........
चरणा में शीश नवावा,
मै तो थारा ही गुण गाँवा,
करवा दो चरणन की सेवा ओ लीले असवार,
मैं भीख माँग रया हा......
खाटु के श्याम बिहारी,
माँगा ना महल अटारी,
ओ खाली झोली आज फैलाई दीजो कुछ भी डार,
मैं भीख माँग रया हा.......
नैनो की प्यास बुझा दो,
अमृत की बून्द पीला दो,
यो ‘लख्खा’ थारी महिमा गावे सुण लो करुण पुकार,
मैं भीख माँग रया हा.....