हम को कभी आप बुलाओगे बाला जी अपने द्वारे,
कभी अपने गले लगाओ गे बाला जी अपने द्वारे,
खुली पलकियां बंद पलक हो तरसे है हम एक झलक को
कब तक हमे भटकाओ गे शरनागत भक्त तुम्हारे
हम को कभी आप बुलाओगे बाला जी अपने द्वारे,
दीन दुखी की तुम रखवाले राम की भगती में मत वाले,
हमे कैसे पार लगाओ गे है नाव बीच मज्धारे,
हम को कभी आप बुलाओगे बाला जी अपने द्वारे,
भकत शिरोमणि अब कहलाओ हम को भक्ति राह दिखलाओ
कब तक हम को ठुकराओ गे तुम माँ अंजनी के दुलारे,
हम को कभी आप बुलाओगे बाला जी अपने द्वारे,