भोले पर्वत की ऊंची चढ़ाई रे,
मैं तो तेरे दर्शन को आई रे....
मैं तो जल भर कलसा लाई रे,
झाड़ों में ईलझ गई साड़ी रे,
सांप बिच्छू ने ऐसी डर आई रे,
मेरी गगरी छलक टी आई रे,
भोले पर्वत की ऊंची चढ़ाई रे,
मैं तो तेरे दर्शन को आई रे....
मैं तो चंदन केसर लाई रे,
समसानो को देख घबराई रे,
भूत प्रेतों ने ऐसी डराई रे,
मेरी केसर बिखरती आई रे,
भोले पर्वत की ऊंची चढ़ाई रे,
मैं तो तेरे दर्शन को आई रे....
मैं तो भंगिया घोट कर लाई रे,
तेरे द्वारे पर नंदी बैठी पाई रे,
नंदी ने मोहे समझाई रे,
भोले बाबा ने समाधि लगाई ले,
भोले पर्वत की ऊंची चढ़ाई रे,
मैं तो तेरे दर्शन को आई रे....
मैं तो हार गूथकर लाई रे,
भोले बाबा के गले पहनाई रे,
भोले बाबा ने पलके उठाई रे,
शिव गोरा के दर्शन पाई रे,
भोले पर्वत की ऊंची चढ़ाई रे,
मैं तो तेरे दर्शन को आई रे....