लड़े नैन मोहन दे नाल कमली हो गयी आ
हो गयी आ हो गयी आ
जद दी वेखी सोहनी मूरत दिल रेहा ना काबू
चंचल मतवाली अखिया दिल ते कर गयी काबू
कमली हो गयी आ
लड़े......
सुन्दर श्याम सलोना मेरा दिल विच वस गया आके
मुड के फिर ना आया मोहन थोडी झलक दिखाके
कमली हो गयी आ
लड़े......
राता जागा नीन्द ना आवे श्याम ही श्याम पुकारा
उसदे नाम दी कमली होके उसनु वाजा मारा
कमली हो गयी आ
लड़े.......
तेरी इस दासी नु श्यामा चढ़ गयी तेरी मस्ती
तेरे रंग विच रंग के श्यामा भुल गयी अपनी हस्ती
कमली हो गयी आ
लड़े.......