चिंतापुर्णी जिसके साथ

मां चिंतापुर्णी जिसके साथ उसे किस बात की चिंता,
हो जिसके सर पे मां का हाथ उसे किस बात की चिंता,
मां चिंतापुर्णी जिसके साथ........।


जो होगा अच्छा ही होगा क्यों व्यर्थ में चिंता करता है
चिंता है चिता बंदे क्यों मौत से पहले मरता है,
जिसके मां सवारे काज उसे किस बात की चिंता,
मां चिंतापुर्णी जिसके साथ........।

हो चिंता दूर जिस दर पे वो दर है चिंतपूर्णी का,
जहां खुशियां ही खुशियां हैं वो दर है मंगल करणी का,
जिसका थाम ले दाती हाथ उसे किस बात की चिंता,
मां चिंतापुर्णी जिसके साथ........।

तू चिंता क्यों करें उत्तम जब चिंता मां करे तेरी,
सौंप दे हाथ में उसके तू अपने जीवन की डोरी,
जो रखता दाती पे विश्वास उसे किस बात की चिंता,
मां चिंतापुर्णी जिसके साथ........।

गायक व लेखक - राजू उत्तम