तू भक्तां दे भरदी भंडार नि मायें
तू भक्तां दे भरदी भंडार नि मायें,
मैं तइयो चुनरी लेके आया दरबार नि मायें ॥२॥
मैं सुनिया तू भाग जगावे ॥२॥
दीन दुखी नू गले लगाए ॥
अज्ज मेरी वी तू सुने पुकार नि मायें,
मैं तइयो चुनरी लेके आया दरबार नि मायें ॥२॥
मैं ज्योत जगा तेरी पूजा करदा ॥२॥
हर दम तेरा नाम सिमरदा ॥
सानूं मावां वाला देजा अज्ज प्यार नि मायें,
मैं तइयो चुनरी लेके आया दरबार नि मायें ॥२॥
कुहाड़े अश्रु दर ते आए ॥२॥
मां तेरीयां भेंटां ले आए ॥
हुण कर ले तू भेंटां स्वीकार नि मायें ॥२॥
मैं तइयो चुनरी लेके आया दरबार नि मायें ॥२॥