तर्ज..तुम आए तो आया मुझे याद..गली में आज चांद निकला...
दोहा..राधा नाम की अलख लगी...
मैं बन गई जोगन आज...
बृज गलियन में डोल रही..
मैं सिमरू राधा नाम..
मेरे मन में बस्यो ब्रज धाम..
मैं राधा राधा नाम सिमरू...
श्याम भक्ति का मिला परिणाम..
मैं राधा राधा नाम सिमरू...
दिन मेरा बीते श्याम शरण में..
शाम को हूं मैं श्यामा चरण में...
निधिवन में गुजारूं रात..2
मैं राधा राधा नाम सिमरु...
अंत समय की हो तैयारी..
सामने हो मेरे श्यामा प्यारी..
श्री चरणों में छूटे मेरे प्राण..
श्री जी चरणों में छूटे मेरे प्राण..
मैं राधा राधा नाम सिमरू...
दिल मेरा बोले कान्हा कान्हा..
धड़कन बोले श्यामा श्यामा...
रितु सांसों में राधा नाम..2
किशोरी तेरा नाम सिमरू..
मैं राधा राधा नाम सिमरू...
मेरे मन में बस्यो ब्रज धाम..
मैं राधा राधा नाम सिमरू...
श्याम भक्ति का मिला परिणाम..2
मैं राधा राधा नाम सिमरू...
प्रियांश अग्रवाल रितु
श्री श्याम मित्र मंडल