हमने तुमको दिल दिया था आजमाने के लिए,
आरजू करने लगा दिल पास आने के लिए
मेरे दिल में तू ही तू है तेरे दिल में सैकड़ों,
हम प्रभु तेरे लिए और तू जमाने के लिए
फूँक डाला उन काटों को जो कभी तूने दिए ,
बस जरा सी राख रख ली तुझे दिखाने के लिए
जाना है तो जाइये पर मुड मुड के ना देखिए ,
ढूंढ लेंगे हम किसी को दिल लगाने के लिए
मधुर स्वर - धर्माचार्य प्रमुख (SSP) -
पूज्य श्री अशोक कृष्ण ठाकुर जी महाराज