मेरी ज़ुबा पे राधा नाम रहे
बस इतना करम कीजो मेरी जुबां पे राधा नाम रहे
छोड़ के इस दुनियादारी को प्यारी तुझसे ही मेरा काम रहे
हाले दिल किसको सुनाएँ आपके होते हुए
क्यों किसी के दर पे जाएँ आपके होते हुए
हाले दिल किसको सुनाएँ ...............
अपना जीना अपना मरना बस तेरी चौखट पे है
अब कहना सर को झुकाये आपके होते हुए
हाले दिल किसको सुनाएँ ...............
मैं हूँ दासी श्यामा ज्यूँ बस यही पहचान है
अब कहाँ ग़म मोहे सताए आपके होते हुए
हाले दिल किसको सुनाएँ ...............
मैं ये कैसे मान जाऊं लाडो दरबार में
मैं ये कैसे मान जाऊं श्यामा दरबार में
छीन ले कोई मेरी अदाएं आपके होते हुए
हाले दिल किसको सुनाएँ ...............
सारी दुनिया छोड़ कर तेरी शरण में आ गया
अब कहाँ सरकार जाएँ आपके होते हुए
हाले दिल किसको सुनाएँ ...............