मन की बगियाँ में आई बहार, गुरु के जब दर्शन हुये,
मेरे चेहरे पे आया निखार, गुरु के जब दर्शन हुए,
फुला नही आज में हु समाता, अपने गुरु के में बलिहारी जाता,
लगा बजने उसी का नी सार ,गुरु के जब दर्शन हुए
मेरे चेहरे पे.............
नर रूप मैं मैंने भगवान पाया,भगती का मैने है वरदान पाया
बरसै रिमघिम दया कि फ़ुहार, गुरु के जब दर्शन हुए
मेरै चेहरे पे........
दुःखों के सागर में मैं तो फसा था, दुःखों के दल दल में मे तो फ़सा था
हर मुश्किल गई मुझ से हार, गुरु के जब दरसन हुए
मेरै चेहरे पे आया........