नित नेम से जो भी उठकर वाल्मीकि जी को ध्याता है

नित नेम से जो भी उठकर वाल्मीकि जी को ध्याता है,
हर संकट मिट जाये उसका सुखी जीवन हो जाता है,
कर देते माला माल जगत गुरु वाल्मीकि,
आये दुनिया में अवतार जगत गुरु वाल्मीकि,
करने दुनिया का उद्धर जगत गुरु वाल्मीकि.....

आदि कवि प्रभु वाल्मीकि जी रामायण के रचयिता है,
चारो युगो के है अवतार हर युग में तुम्हें देखा है,
सुन दुखियो की ये पुकार जगत गुरु वाल्मीकि,
आये दुनिया में अवतार जगत गुरु वाल्मीकि,
करने दुनिया का उद्धर जगत गुरु वाल्मीकि.....

मां सीता को दुख ने घेरा सुख का आशियाना दीया प्रभु,
लव और कुश को देके भेजो बन गए थे उनके गुरु,
पासी केसरी का करदो उद्धार जगत गुरु वाल्मीकि,
आये दुनिया में अवतार जगत गुरु वाल्मीकि,
करने दुनिया का उद्धर जगत गुरु वाल्मीकि.....
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