द्वारे चलिए मैया के द्वारे चलिए,
ले आया सावन का मेला लेने नज़ारे चलिए,
द्वारे चलिए मैया के....
रिमझिम रिमझिम सावन बरसे आई रुत मतवाली,
जय माँ जय माँ कोयल बोले बैठ आम की डाली,
ऊँचे पर्वत भवन सुनहरा ई है हरियाली,
पिंडी रूप विराजे मैया भक्तो की प्रतिपाली,
ले आया सावन का मेला लेने नज़ारे चलिए,
द्वारे चलिए मईया के............
भक्तो के चल पड़े है टोले लाल ध्वजा लहराते,
झांझ मजीरा ढोलक ले गुणगान मैया के गाते,
पाओं में पड़ गए है छाले फिर भी चलते जाते,
लाख मुसीबत आए माँ के भक्त नहीं घबराते,
हो आया सावन का मेला लेने नज़ारे चलिए,
द्वारे चलिए मईया के...........
छोड़ मोह दुनिया का लख्खा बनजा माँ का चाकर,
करले अपनी सफल जिंदगी माँ की शरण में आकर,
सच है कितने पापी तर गए माँ की महिमा गाकर,
फिर बोल सरल तू जय माता की दोनों हाथ उठाकर,
हो आया सावन का मेला लेने नज़ारे चलिए,
द्वारे चलिए मईया के..............