लचके है निमिया की ढाली ओह देवी मैया लहरें चुनरिया है ढाली,
तुम ही धुप हो तुम ही छाया तू जग जाननि तुम ही माया,
आगी बन के सहारा जब जब तुझको पुकारा,
तुम हो तो परिवाह नहीं है तेरे सिवा कोई चाह नहीं है,
तुम ही धुप हो तुम ही छाया तुम जगजनी तुम ही माया,
आगी बन के सहारा जब जब तुझको पुकारा,