अपने भगत से मईया बड़ा प्यार करती है,
रहती है पहाड़ो मैं और ध्यान रखती है,
जब भी बुलाओगे माँ दौड़ कर आए,
पड्यो वाली वो गुफा माँ छोड़ कर आए,
अपने भगतो पे मईया उपकार करती है,
अपने भगत से मईया बड़ा प्यार करती है,
रहती है पहाड़ो मैं और ध्यान रखती है,
हम मागते रहते माँ भेजती रहती ,
भगतो की हलतको माँ देखती रहती,
भगतो की खाली झोली हर बार भर्ती है,
अपने भगत से मईया बड़ा प्यार करती है,
रहती है पहाड़ो मैं और ध्यान रखती है,
कर्ज हम मईया का कैसे चूकेंगे,
बनवारी सेवा मैं जीवन गुजरेंगे ,
गर्दन झुकी है मेरी आँखें बरसती है,
अपने भगत से मईया बड़ा प्यार करती है,
रहती है पहाड़ो मैं और ध्यान रखती है,