जगमग जगमग जोत जगी है

जगमग जगमग जोत जगी है,
राम आरती होन लगी है,

भक्ति का दीपक प्रेम की बाती,
आरती संत करें दिन राती,
आनंद की सरिता उभरी है,
राम आरती होन लगी है
जगमग जगमग जोत जली है....

कनक सिंघासन सिया समेता,
बैठहिं राम होइ चित चेता,
वाम भाग में जनक लली है,
राम आरती होन लगी है
जगमग जगमग ज्योत जली है.....

आरती हनुमत के मन भावै,
राम कथा नित शंकर गावै,
संतों की ये भीड़ लगी है,
राम आरती होन लगी है
जगमग जगमग ज्योत जली है,

राम राम सीता राम राम राम......
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