जो भी हारेगा तुझे निहारेगा,
तेरे होते हार गया तो किसे पुकारेगा,
जो भी हारेगा तुझे निहारेगा
अलग दाता देखि तेरी दातारि है
मेरा हर रोम प्रभु तेरा अबारी है,
तेरे किये एहसान ये दाता कौन उतरेगा,
तेरे होते हार गया तो किसे पुकारेगा,
प्यार तुम से ही किया प्यार फल दे देखा,
कठिन से कठिन घडी काम चलते देखा,
तेरा बन के जिया जो जग में कभी ना हारेगा,
तेरे होते हार गया तो किसे पुकारेगा,
कहु कैसे तुझको के मुझको क्या गम है,
दिया जो पहले से प्रभु जी क्या कम है,
सुख दुःख में कोई दाता तुझको कैसे विसारेगा,
तेरे होते हार गया तो किसे पुकारेगा,
समय जब अंतिम हो मौत की आहट हो,
मेरे सिर के निचे आप की चौकठ हो,
स्वर्ग छोड़ चरणों में रोमी वक़्त गुजारेगा
तेरे होते हार गया तो किसे पुकारेगा,