तेरी रहमतों का श्याम अगर सहारा नहीं मिलता
मेरी डूबती नैया को कभी किनारा मिलता
जबसे खाटू में हम आने जाने लगे
सारे ग़म ज़िन्दगी के ठिकाने लगे
ओ जाने वाले खाटू के द्वार
ओ जाने वाले
श्याम तुमने बड़ी हम पर रेहमत करी
हर घडी अब तो हम मुस्कुराने लगे
सारे ग़म ज़िन्दगी के ठिकाने लगे
ओ जाने वाले खाटू के द्वार
ओ जाने वाले
तेरे चरणों में बीते मेरी ज़िन्दगी
बस यही इक दुआ हम मानाने लगे
ओ जाने वाले खाटू के द्वार
ओ जाने वाले
हाथ सर से मेरे तुम ना हटाना कभी
तुमको पाने में शर्मा को ज़माने लगे
ओ जाने वाले खाटू के द्वार
ओ जाने वाले