जबसे मुझको श्याम परिवार मिल गया,
सोचा भी ना था जो इतना प्यार मिल गया,
चाह थी श्याम प्रेमी से कभी मिलु प्रेम से भरा हुआ गुलजार मिल गया,
जबसे मुझको श्याम..........
श्याम के प्रेमी जो होते है श्याम मस्ती में खोये रहते है,
जबसे बिखो हालत जीवन के श्याम का शुकर मनाते है,
श्याम के चरण चाकरी मिल गई आनंद में जीने का अधिकार मिल गया,
जबसे मुझको श्याम.............
ना कोई था अपना कहने को ना किसी का मुझको सहारा था,
दुःख ही दुःख भरे थे जीवन में अपनी किस्मत का मैं मारा था,
श्याम प्रेमियों का सिर पे हाथ मिल गया जैसे सुनी भाग को बहार मिल गया,
जबसे मुझको श्याम......
दिन बीते श्याम सुमरिन में श्याम डलती है श्याम कीर्तन में,
पल पल दर्शन करू श्याम का बसते है श्याम मन के मंदिर में,
अब और कोई कामना ना रही श्याम नाम बेशुमार मिल गया,
जबसे मुझको श्याम