श्याम...जय जय श्याम...
श्याम...जय जय श्याम...
सारे श्याम प्रेमियों का आवो एक लक्ष्य हो,
लेलो ये संकल्प की अपना खाटू स्वच्छ हो |
श्याम...जय जय श्याम...
श्याम...जय जय श्याम...
साथ चलेंगे,मिलाके हाँथ चलेंगे,
गन्दगी को खाटू से साफ़ करेंगे |
हर दिन ही फागण मेले का उपलक्ष्य हो,
लेलो ये संकल्प की अपना खाटू स्वच्छ हो |
श्याम...जय जय श्याम...
श्याम...जय जय श्याम...
श्याम का बगीचा,जिसे आलू सिंह ने सींचा,
दरबार है वो सच्चा,जहाँ श्याम रहता है |
श्याम का वो कुण्ड,भक्तों का वहां झुण्ड,
भगति की बहे गंगा,जहाँ श्याम बसता है |
"सौरभ मधुकर" तुम तो श्याम जी के भक्त हो,
लेलो ये संकल्प की अपना खाटू स्वच्छ हो |
श्याम...जय जय श्याम...
श्याम...जय जय श्याम...
सारे श्याम प्रेमियों का आवो एक लक्ष्य हो,
लेलो ये संकल्प की अपना खाटू स्वच्छ हो |
श्याम...जय जय श्याम...
श्याम...जय जय श्याम...
साथ चलेंगे,मिलाके हाँथ चलेंगे,
गन्दगी को खाटू से साफ़ करेंगे |
हर दिन ही फागण मेले का उपलक्ष्य हो,
लेलो ये संकल्प की अपना खाटू स्वच्छ हो |
श्याम...जय जय श्याम...
श्याम...जय जय श्याम...
अपना खाटू स्वच्छ हो...
स्वच्छ हो...स्वच्छ हो...
अपना खाटू स्वच्छ हो...
स्वच्छ हो...स्वच्छ हो...
गीतकार - सौरभ मधुकर