होके लीलै पे सवार करने भक्तों का उद्धार,
खाटू नगरी से आया है मेरा बाबा श्याम…...
लीले पे बैठा बाबा भक्तों की खातिर,
याद करोगे दिल से पल भर में हाजिर,
मेरा साँवलिया सरकार करता सबका बेड़ा पार,
खाटू नगरी से आया है मेरा बाबा श्याम….
ऐसी सुरतिया, कहीं ना मिलेगी,
एक नजर डालोगे नजर ना हटेगी,
जिसने देख लिया एक बार उसको हो गया इससे प्यार,
खाटू नगरी से आया है मेरा बाबा श्याम….
समझेगी दुनिया, समय आ रहा है,
‘बनवारी’ जो कुछ भी, समझा रहा है,
ये है कलियुग का अवतार इसकी लीला अपरम्पार,
खाटू नगरी से आया है मेरा बाबा श्याम…..