खाटू के इस रंग महल में बेठा श्याम हमारा,
बाबा श्याम हमारा,
एक वार जो खाटू आये बन ता श्याम सहारा,
बाबा श्याम हमारा,
खाटू की ये पवन भूमि बाबा की राजधानी,
इस भूमि के कण कण में बस्ती है शीश के दानी,
जो भी इसकी रज को लगाता कटता कष्ट है सारा,
बाबा श्याम हमारा.....
हारे का है साथी बाबा पग पग साथ निभाए,
जीत की जिसको फिकर नही है उसको जीत दिलाये,
जीवन अर्पण करदे अपना मिल जाए गा सहारा,
बाबा श्याम हमारा...
कलयुग का ये देव निराला सबके कष्ट मिटाए,
अह्कारी चादर जो ओढे उसका मान घटाए,
रस्क संवारे जीवन नैया सोजाए भव पारा,
बाबा श्याम हमारा,........