दर्शन को तेरे बाबा आया बड़ी दूर से,
मेहर की नजर बाबाकर दो जरा सी,
दर्शन को तेरे बाबा......
हे भूतेश्वर भोलेनाथ टाबरा की ये अर्जी है,
थे सुणो जरा दे ध्यान अलख की हो जाए मर्जी है,
लगन है हमारी विनती हुजूर से,
भीख दया की अगर दे दो जरा सी,
दर्शन को तेरें बाबा.......
तुम अपने भक्तो के रुके सब काम बनाते हो,
फिर मेरी नैया क्यूँ नहीं उस पार लगाते हो,
तेरा दास हूँ मैं बाबा किसी दस्तूर से,
कदरदान हो तुम कदर दो जरा सी,
दर्शन को तेरें बाबा......
इस बार तो लखदातार फैसला कर के जाएंगे,
ये नैना भरे आधीर चरण में झर के जाएंगे,
‘श्याम बहादुर शिव मजबूर से,
नहीं धीर दिल में सबर दो जरा सी,
दर्शन को तेरें बाबा.......