जब सर पे गुरु का हाथ हो हाथ मन अब तोहै चिंता काहे की,
मन अब तोहै चिंता काहे की,
जब सर पे गुरु का...........
वे अपनी शरण में लगा लेंगे चरणों में तुझे बिठालेगें ॥
सद गुरु गरीब नवाव हो नवाव मन अब तोहै चिंता कहे कि ॥
जब सर पे...............
मेरे सदगुरु जी ब्रहमा विष्नु है मेरे गुरु जी राम और कृष्ण जी है ॥
सदगुरु जी शिव नटराज नटराज मन अब तोहै चिंता काहे की ॥
जब सर पे गुरु............
मेरे सदगुरु जी मथुरा कासी है मेरे बाबा संत अविनासी है ॥
मेरे गुरु तीरथ राज हो राज मन अब तोहै चिन्ता काहे की ॥
जब सर पे गुरु का हाथ...........
मेरे गुरु जी बड़े दयालु है मेरे गुरुवर बड़े कृपालु है ॥
तेरे बन जाये सर के ताज हो ताज मन अब तोहै चिंता काहे की॥
जब सर पे गुरु का हाथ..............
क्यों इधर उधर तू भटक रहा अब मान ले प्यारे गुरु का कहा ॥
गुरु भव सागर के जहाज हो जहाज मन अब तोहै चिंता कहे की ॥
जब सर पे गुरु का हाथ हो हाथ मन अब तोहै चिंता काहे की ॥